
तुलसी कई मायनों में हमारे जीवन के लिए लाभकारी होती है. कहा जाता है कि ग्रहण के दिनों में इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए जिससे ग्रहण के प्रभाव को नष्ट किया जा सके. 2020 का पहला चंद्र ग्रहण आज रात से लगेगा. इस बार का चंद्र ग्रहण सभी 12 राशियों को प्रभावित करेगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्र ग्रहण का काल अशुभ होता है इसलिए इसके प्रभाव को कम करने के लिए तुलसी की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण चाहे कोई भी वह अशुभ ही होता है. पर ऐसा मानते हैं कि चंद्र ग्रहण पृथ्वी के लिए ज्यादा हानिकारक होता है इस लिए तुलसी का प्रयोग करते हैं. ऐसा लिए है क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के आधार पर तुलसी के दर्शन करने से हमारे पाप नष्ट हो जाते हैं इसलिए ग्रहण काल में घरों में तुलसी का प्रयोग करना चाहिए.
यह भी कहा जाता है कि तुलसी मनुष्य की निगेटिव ऊर्जा को खत्म कर देती है और उसमें पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ाती है. इसलिए ग्रहण के बाद तुलसी का प्रयोग उसे अशुभ प्रभाव को खत्म कर देती है.
एक मान्यता यह भी है कि ग्रहण से पहले एक चांदी के सिक्के पर दोनों तरफ पांच पांच तुलसी की पत्ती रखकर उसे हरे रंग के कपड़े में बांध लें और इसे घर के नहाने में वाली टंकी में डाल दें और ग्रहण के बाद इसी पानी से स्नान करने से ग्रहण का बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है.
ग्रहण काल के समय तुलसी का प्रयोग हर प्रकार की खाद्य सामाग्री में करना चाहिए. इसका प्रयोग पीने के पानी में भी करना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है और साथी ही लक्ष्मी का वास भी होता है.
तुलसी की पत्ती के प्रयोग को वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही माना गया है. माना गया है कि ग्रहण के दौरान व्यक्ति की पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है जिससे इस समय खाने से शरीर में कुछ न कुछ समस्याएं हो सकती हैं. तुलसी के प्रयोग से ग्रहण के कारण भोजन में आई अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है.
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