नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए के समर्थन में आज नगर में विशाल पदयात्रा निकली. जबलपुर नागरिक परिषद के संयोजन में निकली इस पदयात्रा में हजारों युवाओं, महिलाओं-पुरुषों ने भाग लिया. संत और तीन दर्जन से अधिक सामाजिक संगठन भी इस यात्रा में शामिल हुए. यात्रा के आगे चल रहे वाहन से देशभक्ति गीत गाए जा रहे थे. लोगों के हाथ में तख्तियाँ और तिरंगे थे. तख्तियों पर सीएए के समर्थन में नारे लिखे हुए थे. वही नारे लोग दुहरा रहे थे. नारे थे – टूटे मंदिर जले गुरुद्वारे-पाकिस्तानी हिंदू बड़े बेचारे, सीएए का विरोध याने मानवता का विरोध, सीएए का वादा किसका था – गाँधी का पटेल का, सीएए का वादा किसका था –देश के पहले पीएम का, 70 सालों का अन्याय- सीएए ने ख़त्म किया, रोती बच्चियों पर रहम करो- सीएए का समर्थन करो.
यात्रा में शामिल युवा हाथ में एक किलोमीटर लंबा तिरंगा पकडे हुए थे. हजारों की संख्या में आई महिलाएँ उत्साह के साथ देशभक्ति गीत गा रही थीं, कई महिलाएँ हाथ से लिखे पोस्टर बनाकर लाई थीं. कार्यक्रम के अंत में वंदेमातरम और जन-गण-मन का गायन हुआ. कार्यक्रम के संयोजक आनंद बर्नाड ने बताया कि इस अभूतपूर्व पदयात्रा में शहर के सभी वर्गों का स्वतःस्फूर्त सहयोग मिला. उन्होंने कहा कि सारा देश सीएए के समर्थन में है, केवल चंद लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आखिरकार सत्य सामने आ गया है. सीएए का क़ानून पाकिस्तान-बंग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए जा रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है. भारत के किसी नागरिक की नागरिकता पर कोई आँच नहीं आने वाली है.
झलकियाँ –
-एक किलोमीटर लंबा तिरंगा आकर्षण का केंद्र बना.
-पदयात्रा डेढ़ किलोमीटर से अधिक लंबी थी. विशाल संख्या के बावजूद यात्रा व्यवस्थित और अनुशासित थी.
-अधिवक्ता अपना काला कोट पहनकर पदयात्रा में शामिल हुए.
-पाकिस्तान से आए अनेक शरणार्थी परिवार भी यात्रा का हिस्सा बने.
-अनेक दिव्यांग स्त्री-पुरुष अपनी ट्राईसिकल में पदयात्रा में साथ चले.
- पाकिस्तानी हिंदू बच्चियों की दुर्दशा बतलाने वाले नारे “रोती बच्चियों पर रहम करो- सीएए का समर्थन करो.” पर अनेक लोगों की आँखें भीगी नज़र आईं.
प्रेषक -
आनंद बर्नाड, संयोजक 9425154385
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