जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा की जिम्मेदारी हिंदू रक्षा दल द्वारा लिए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वह इस दावे की जांच कर रही है।
हिंदू रक्षा दल के स्वघोषित प्रमुख भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि संगठन के कार्यकर्ताओं ने जेएनयू कैंपस में 'राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों' को रोकने के लिए यह कार्रवाई की।
तोमर ने वीडियो में कहा, "जेएनयू कम्युनिस्टों का गढ़ है और हम इस प्रकार के गढ़ को सहन नहीं करेंगे। वह हमारे धर्म और देश को गाली देते हैं। हमारे धर्म के प्रति उनका दृष्टिकोण देश विरोधी है। यदि भविष्य में भी कोई विश्वविद्यालय इस प्रकार की देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो हम वहां भी ऐसी ही कार्रवाई करेंगे।"
वीडियो के वायरल होने और हिंदू रक्षा दल के ट्विटर पर ट्रेंड करने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया। जेएनयू में हिंसा फैलाने वाले नकाबपोश लोगों के बारे में पुलिस ने कहा कि वे वीडियो फूटेज के साथ-साथ अपराधियों की पहचान करने के लिए चेहरा पहचान प्रणाली की मदद ले रहे हैं।
तोमर ने वीडियो में कहा, "जेएनयू कम्युनिस्टों का गढ़ है और हम इस प्रकार के गढ़ को सहन नहीं करेंगे। वह हमारे धर्म और देश को गाली देते हैं। हमारे धर्म के प्रति उनका दृष्टिकोण देश विरोधी है। यदि भविष्य में भी कोई विश्वविद्यालय इस प्रकार की देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो हम वहां भी ऐसी ही कार्रवाई करेंगे।"
वीडियो के वायरल होने और हिंदू रक्षा दल के ट्विटर पर ट्रेंड करने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया। जेएनयू में हिंसा फैलाने वाले नकाबपोश लोगों के बारे में पुलिस ने कहा कि वे वीडियो फूटेज के साथ-साथ अपराधियों की पहचान करने के लिए चेहरा पहचान प्रणाली की मदद ले रहे हैं।
जेएनयू में रविवार शाम को हिंसा हुई थी, जिसमें छात्राओं सहित कई विद्यार्थी घायल हुए थे। हमले में कई शिक्षकों को भी चोटें आई थीं। अध्यक्ष आइशी घोष सहित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के दो पदाधिकारी को कथित तौर पर लोहे की रॉड से मारा गया था। उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं।
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